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लेखनी प्रतियोगिता -12-Mar-2023 लॉकेट

आज राधा जी बेचैन हैं 
फूटें मुख से ना कोई बैन हैं 
सूज गई रो रोकर अंखियां 
व्याकुल हो रही सारी सखियां 
ढूंढें ललिता ढूंढें विशाखा 
छान मारा सबहीं तो इलाका 
निधि वन में कल रास रचायौ 
श्याम ने खुद लॉकेट पहनायौ 
आज न जाने कहां गिर गयौ बैरी 
घर जाइबे कूं है रही है देरी 
"बा लॉकेट मोहे जान ते प्यारौ 
श्याम ने खुद मेरे गले में डारौ" 
राधा रोवै सुबक सुबक कर 
धीर धरै ना केहि बिधि कर कर 
देखि न जाय प्रिया की हालत 
प्रभु पै टूटी ये कैसी आफत 
"त्रिभुवन तुझपे वार दिया है 
इतना तुझको प्यार किया है 
इक लॉकेट के लिए क्या रोना 
प्रेम से बढ़कर है क्या सोना ? 
छोड़ त्रिया हठ मौज मनाओ 
झूमो नाचो रास रचाओ।  
प्रेम है दुनिया में अनमोल 
लॉकेट का है क्या कोई मोल" ? 
तब राधा रानी हरषाईं 
रास रचाने कूं उठ धाई ।। 

श्री हरि 
12.3.23 


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8 Comments

Alka jain

13-Mar-2023 11:32 AM

Nice 👌

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Abhinav ji

13-Mar-2023 08:03 AM

Very nice 👍

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Reena yadav

13-Mar-2023 12:38 AM

👍👍💐

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